भाभी की चूत और गांड मारी

August 23, 2020 | By Admin | Filed in: হিন্দি স্টোরি.

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम अर्चित है, में सूरत का रहने वाला हूँ. आज में अपना खुद का अनुभव आप लोगों के साथ शेयर करने जा रहा हूँ. यह स्टोरी मेरी और मेरी पड़ोसी भाभी के साथ सेक्स अनुभव की है. मेरी भाभी की उम्र 25 साल है, उनका नाम स्नेहा है, कलर सांवला, फिगर साईज 32-30-34 है.

मुझे पहले मेरी भाभी में रूचि नहीं थी मगर यह एक दिन की बात है जब से मेरी लाईफ को चेंज कर दिया. जब शादी के 4 महीने के बाद उनके पति देव ऑस्ट्रेलिया चले गये, तो तब से मेरी कहानी शुरू हो गयी. फिर जब में कॉलेज के बाद घर आया तो तब वो बोली कि तुम अगर बिज़ी नहीं हो तो तुम मेरे घर पर आ सकते हो. तो तब मैंने उसको ना बोल दिया, अब मुझे काम था पढाई करनी थी, तो में नहीं जा पाता.

फिर कुछ दिन के बाद जब में उनको लास्ट वाली बात पर सॉरी बोलने गया तो तब मैंने देखा कि घर अच्छी तरह सजाया था. फिर मुझे पता चला कि उस दिन मेरी भाभी का बर्थ-डे था. ( उसके नौकर ने बताया था ) फिर मैंने सोचा कि क्यों ना विश करूँ? और सॉरी भी बोल दूँ और फिर में उनके रूम में विश करने गया तो रूम में कोई नहीं था. तो तब मेरी आँखे चमकी और ऐसे ही देखने लगा.

अब मेरे अंदर करंट दौड़ गया था और मेरा लंड भी खड़ा हो गया था. तब वो पंजाबी ड्रेस में थी और कपड़े फुल टाईट बूब्स तक कपड़े टाईट और वो बहुत खूबसूरत दिख रही थी. अब मैंने सोच लिया था कि ये मेरी ब्लू फिल्म की हिरोइन है, क्या बदन है? क्या बूब्स है? क्या गांड है साली की? अब मुझे सिर्फ़ उसे राज़ी करना है. अब में उसके बूब्स देखता ही रह गया था.

फिर मैंने होश में आकर कहा कि भाभी हैप्पी बर्थ-डे और सॉरी भी कहा. तो तब वो बोली कि कोई बात नहीं यार ऐसा होता रहता है. फिर उसके बाद मैंने फिर से एक बार बर्थ-डे विश किया और मन ही मन में कहा कि हैप्पी बूब्स डे. फिर उस दिन से में उनके क्लोज़ हो गया. अब हम बहुत बातें करने लगे थे मेरे कॉलेज पर और मूवी पर और में चान्स ढूँढ रहा था कि कब उसकी चूत देखूं?

भाभी भी एक ऑफिस में नौकरी करती है, जो घर से बहुत दूर था. अब में चान्स ढूँढ रहा था और फिर एक दिन मुझे चान्स मिल ही गया और उस दिन रविवार था. उसके घर पर जो नौकर था, वो भी शानिवार को रात को अपने गाँव चला गया था और रविवार को मेरे घर में मेरी माँ ही थी, जो दोपहर के 1 बजे अपने काम से जाने वाली थी. फिर सुबह के 11 बजे तक सब बाहर चले गये और फिर मैंने भी कहा कि मुझे भी बाहर जाना है और चला गया, मुझे पता था कि शाम तक माँ नहीं आएँगी. फिर में 2 घंटे में ही घर वापस आ गया.

अब मेरे घर पर लॉक होने से में उनके घर चला गया था. तो तब भाभी पीले कलर की नाइटी में थी और टी.वी देख रही थी और जब टाईम 1 बज रहे थे. फिर में भी उनके पास बैठ गया और टी.वी देखने लगा. फिर मैंने अपने हाथ आगे ले जाकर उनकी कमर पर डाले.

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तब भाभी ने कुछ भी नहीं कहा और फिर वो किचन में काम करने चली गयी. फिर थोड़ी देर के बाद में भी उनके पीछे गया. अब में उसके गर्म बदन और उसकी बड़ी सी गांड को देखता ही रह गया था. अब मेरा तो लंड खड़ा हो गया था, जिसे में रोक नहीं सका और उसके पीछे आकर खड़ा हो गया और मेरे दोनों हाथों से भाभी को कसकर दबोचा और उनके बूब्स प्रेस करने लगा था. अब मेरा बड़ा लंड उनकी गांड में उनके कपड़ो के ऊपर से ही घुस गया था. तो तब वो शॉक हो गयी और बोली कि मुझे छोडो, तो मैंने उनको छोड़ दिया. फिर वो मुझे गुस्से से देखकर कहने लगी कि मैंने कभी नहीं सोचा तू ऐसा है और जाकर बेडरूम में लेट गयी थी.

फिर मैंने सारे दरवाजे और खिड़कियाँ बंद कर दिए और उनके बेडरूम में गया और सीधी बात कह डाली कि भाभी मुझे आपको चोदना है, में कब से इस टाईम का इंतजार कर रहा हूँ? प्लीज. तो तब भाभी ने कहा कि अगर किसी को पता चल गया तो क्या होगा? तो तब मैंने कहा कि क्या होगा? कुछ नहीं होगा और यह कहकर उनके बेड पर आ गया.

वो मुस्कुराने लगी और लेट गयी और तब करंट भी नहीं था. फिर मैंने धीरे से उनकी नाइटी के हुक एक-एक करके निकाले और फिर उनकी पूरी नाइटी उतार दी, तो उन्होंने अपनी आँखें बंद कर ली. फिर मैंने अपने पूरे कपड़े निकाल दिए. अब हम दोनों पसीने-पसीने थे. फिर मैंने उनको बिस्तर पर लेटा दिया और कहा कि अब सब मुझ पर छोड़ दो. भाभी का बदन सांवला है और पूरा गर्मा-गर्म है. फिर मैंने उनकी सफ़ेद ब्रा के हुक खोलकर उनकी ब्रा को फेंक दिया. अब वो शर्मा रही थी. अब में उनकी काले कलर की पेंटी उतारने लगा था. अब वो मुझे देख रही थी, उसकी चूत शेव की हुई थी. अब वो मुझे ही देख रही थी. अब में पूरे हवस में आ गया था और मन में अटेक कहकर उनके होंठो पर किस किया. अब वो भी मेरे साथ मिल गयी थी.

फिर में थोड़ा नीचे आया और भाभी के नारंगी साईज़ के बूब्स दबाने लगा. तब भाभी ने कहा कि आह और आह और फिर में 5 मिनट तक उनके बूब्स चूसता ही रहा और फिर उससे कहा कि साली रंडी कितनों से चुदवाई हो? तो तब वो कुछ नहीं बोली और हंसी.

में नीचे आया और उसके पूरे बदन का पसीना ऊपर से नीचे तक चाटा तो वो मुझे देखती रही और उसके बदन का अंग-अंग मुझे देने लगी थी. फिर मैंने उनकी चूत पर अपना एक हाथ डाला तो मेरे हाथ डालते ही वो सिसकारियां लेने लगी. फिर में अपना मुँह उसकी चूत में डालकर चाटने लगा, मेरी भाभी की रसीली चूत का सबको मज़ा लेना चाहिए. फिर मैंने अपना 8 इंच का लंड उनके मुँह पर रख दिया, तो तब भाभी अपने मुँह से मेरे लंड को 10 मिनट तक चूसती रही और बाहर निकालने ही नहीं दे रही थी.

फिर मैंने भाभी से कहा कि भाभी मेरा लंड रुक नहीं रहा है और आपकी रसीली चूत में घुसना चाहता है. तब उसने कहा कि अर्चित जी तो ऐसे क्या देख रहे हो? आपके लंड का मज़ा तो दीजिए हमें. फिर मैंने उसकी दोनों टाँगों को चौड़ा किया और मेरा लंड उनकी काली साफ चूत में धीरे-धीरे डालने लगा. अब में उनकी चूत का मज़ा लूट रहा था. अब भाभी और मैंने हिलना करना शुरू कर दिया था और धीरे से अपना लंड बाहर लेकर आया और तेजी से अपना लंड उसकी चूत में घुसा दिया तो तब वो जोर-जोर से कहने लगी कि अर्चित आआआ क्या बात है? आह, आआह, ऐसे ही, आह, ऐसे ही.

तब मैंने कहा कि भाभी आपकी चूत तो फट गयी साली, रंडी और अब तेरी गांड की बारी है और फिर भाभी की गांड में अपना लंड घुसाकर उस रंडी को पूरे 30 मिनट तक पूरी तरह से चोदा. अब मेरा वीर्य निकलने वाला था तो तब मैंने कहा कि भाभी कहा निकालूं इस पानी को? तो तब वो बोली कि मेरे मुँह में. तो मैंने अपना सारा पानी उसके मुँह में ही छोड़ दिया और फिर में ठंडा हो गया. फिर हम दोनों एक दूसरे के ऊपर ऐसे ही 10 मिनट तक पड़े रहे. फिर उसने अपने कपड़े पहन लिए तो तब मैंने कहा भाभी आप मस्त माल हो. फिर हम दोनों को जब कभी भी कोई मौका मिला, तो हमने चुदाई का भरपूर आनंद लिया और खूब इन्जॉय किया.


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